15 March, 2010

एक छोटी कहानी -- खुशी
दो नन्हे दोस्त रेगिस्तान से होकर चले जा रहे थे। बातों बातों में दोनों में एक छोटी सी बात पर झगडा हो गयी। पहले दोस्त ने दूसरे को थप्पड मारा। दूसरा दोस्त जिसने थप्पड खाया, कुछ नहीं कहा पर, रेत पर ऐसा लिखा - "आज मेरे प्यारे दोस्त ने मुझे थप्पड मारा।"
दोनों आगे बढे। चलते चलते दोनों एक नखलिस्तान पर पहूँच गये। दोनों ने नहाने का निश्चय किया। दोनों पानी में कूद पडे। जो थप्पड खाया, वह तैर न सकता था। वह कीचड में अटक गया। वह बाहर न आ सका। वह डूबने लगा। पहले दोस्त ने उसे बचा लिया। डूब मरने से बच जाने पर दूसरे दोस्त ने सामने वाली चट्टान पर ऐसा लिखा - "आज मेरे प्यारे दोस्त ने मेरी जान बचायी।"

अब पहले दोस्त ने पूछा - "जब मैं ने तुझे मारा था, तो तुम ने रेत पर लिखा। और अब जब मैं ने तेरी जान बचायी तो तुम ने चट्टान पर लिखा। ऐसा क्यों?"


दूसरा दोस्त बोला - "जब कोई हमें हानि पहूँचाता है तो उसे रे
पर ही लिखें, क्योंकि क्षमा रूपी सुहानी हवा उसे मिटा सकती है। जब कोई हमारे लिए अच्छा काम करें तो उसे चट्टान पर खोदकर लिखना चाहिए, क्योंकि आँधी भी उसकी याद को मिटा न सकें।"

तुम्हारे पास जो कुछ है, उसका आँकन मत करो।
आँकन
करो उन लोगों का, जो तुम्हारे लिए जीते हैं।।



खुशी ढूँढने से नहीं आती, उसे बनाने से ही आती है।


13 March, 2010



लियो निकोलायेविच टालस्टाय का जन्म सितंबर 9, 1828 को रूस के तुला के यास्नया पोलियाना में हुआ था। वे माता पिता केपाँच बच्चों में चौथे थे। उनके बचपन में ही माता पिता का देहाँत हुआ था। 1844 म्रें उन्होंने विधि पढना शुरू किया। पढाई बीच मेंही छोडकर उन्होंने कुछ कारोबार शुरू किया। भारी नष्ट होने पर 1851 में वे अपने बडे भाई के पास चले गये। वहाँ से उन्होंने फौजमें भर्ती हो गये और इसी समय लिखना भी शुरू किया।
सितंबर 23, 186
2 को उन्होंने सोफिया आन्ड्रीव्ना बेर्स से शादी की। उनके 13 बच्चे हुए जिनमें पाँच बच्चे छोटी उम्र में ही दुनियाछोडकर चले गये थे। सोफिया के साथ मिलकर टालस्टाय ने "वार आन्ट पीस" और "अन्ना करनीना" लिखा था।
वे 20 नवंबर, 1910 को अपनी 82 वाँ उम्र में दुनिया
छोडकर चले गये।