अमर-कहानियाँ

आत्म भरोसा - एब्रहाँ लिंकन



    एब्रहाँ लिंकन का बचपन गरीबी में बीता।  उस के पिता जी एक बढई थे, माता जी दर्जिन का काम कर के उस कमाई से एब्रहाँ को पढाती थी।

पूराने और फटे कपडे पहनकर स्कूल पहूँचने वाले एब्रहाँ को सहपाठी बहुत सताते थे। एब्रहाँ इस पर बहुत दुखी भी था।  एक दिन उस ने अपनी माता जी से शिकायत की - "माँ, मुझे नए कपडे चाहिए।"


    माता जी भी बहुत दुखी हुई।  अपने दुख को छिपाकर उस ने बेटे को गले लगाया और कहा - "बेटा, तेरे माँ-बाप तो अमीर नहीं है।  हमारे पास जो कुछ है, उस से खुशी से रहना सीखना चाहिए।  तुम्हें आत्म भरोसा होना चाहिए।  आत्म भरोसा  ही एक को बडा करता है।"


    ये शब्द एब्रहाँ ने महसूस किया। आत्म भरोसे पर विश्वास रखकर वह आगे बढने लगा।  


    जब वे अमरिका के राष्ट्रपति बने, तब उन्हें यह घटना याद आयीं। 


1 comment:

Anonymous said...

ऐसा सबक हर माँ को देना चाहिएI