04 October, 2009


राष्ट्रीय रक्तदान दिन ।


रक्त की विशेषताएँ क्या क्या हैं?
रक्त एक तरल संयोजी ऊतक है जो रक्त वाहिनियों के अंदर विभिन्न अंगों में लगातार बहता रहता है। रक्तकण तीन प्रकार के होते हैं, लाल रक्त कणिका, श्वेत रक्त कणिका और प्लैटलैट्स। मनुष्य-शरीर में करीब पाँच लिटर रक्त विद्यमान रहता है।



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रक्तदान जीवनदान है, क्यों?
प्लाज़मा के सहारे रक्तकण सारे शरीर में पहूँच पाते हैं और वह प्लाज़मा ही है जो आंतों से शोषित पोषक तत्वों को शरीर के विभिन्न भागों तक पहुंचाता है और पाचन क्रिया के बाद बने हानीकारक पदार्थों को उत्सर्जी अंगो तक ले जा कर उन्हें फिर साफ़ होने का मौका देता है। श्वेत रक्त कणिकाएँ हानीकारक तत्वों तथा बिमारी पैदा करने वाले जीवाणुओं से शरीर की रक्षा करते हैं। प्लेटलेट्स रक्त वाहिनियों की सुरक्षा तथा खून बनाने में सहायक होते हैं। मनुष्यों में रक्त ही सबसे आसानी से प्रत्यारोपित किया जा सकता है। रक्त के सहारे ही मनुष्य में जीवन कायम रखता है। दुर्खटनाओं या कुछ बीमारियों के कारण मनुष्य में रक्त की कमी हो सकती है। इससे बचने के लिए हम दूसरों को रक्तदान कर सकते हैं। दूसरों का जीवन बनाए रखना भाईचारा है, मानवता है। हर स्वस्थ मनुष्य महीने में एक बार रक्तदान कर सकता है। खून लेने-देने में बहुत सावधानी की आवश्यकता भी होती है।


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