08 November, 2009

पटकथा कैसे तैयार करें ?

जैनी कहानी की पटकथा

घटनाएँ : जैनी की प्रार्थना
स्थान, समय : जैनी की झोंपडी, रात
का समय ।
पात्र : जैनी, पाँच बच्चे ।
पात्रों की आयु, वेशभूषा :
जैनी - 40 साल की औरत, साधारण मछुआरों का वेश
बच्चे - 10 साल तक के पाँच बच्चे, चादर से ओढे, सिर्फ चेहरा दिखाई पडे।
जैनी का आत्मगत : प्रार्थना करती है।
व्यवहार और भाव : दुख भरा, गरीबी।

((रात का समय। सागर तट की झोंपडी। वातावरण में लहरों की आवाज़। चूल्हे में जलते बुझते कोयले। दीवार पर मछली जाल। सादी शेल्फ पर घरेलू बर्तन-भांडे। एक बडा पलंग। पुरानी बेंचों पर गद्दा। गद्दे पर चादर लिपटाए पाँच बच्चे। जैनी नीचे बैठी है।))
जैनी उठती है। शेल्फ से एक किरासन का दीया लेकर उसे जलाती है और नीचे रखती है। प्रकाश फैलता है। अब सब कुछ साफ साफ दिखाई देता है। जैनी दीवार पर टंगे जालों की जाँच करती है। एक को फटा पाकर उसे लेती है। एक हाथ से जाल पकडकर दूसरे हाथ से शेल्फ से सुई लेती है। दीया के पास आकर बैठती है। जाल लेकर सीने लगती है। पल-पल मे बच्चों को और दरवाज़े की ओर भी देखती है। लहरों की आवाज़ ऊँची उठती है। हवा के कारण दीया बुझ जाती है। प्रकाश कम हो जाता है। हवा चलने की आवाज़ बहुत ऊँची उठती है। जैनी तुरंत उठकर बच्चों को चादर से ओढती है। घुटनों के बल पर खडी होती है। ऊपर हाथ फैलाकर प्रार्थना करती है - "हे भगवान, हमारी रक्षा करो। बे
चारे बच्चे रो-रोकर सो गये थे। मेरे पति तो सागर में गये हैं। उनकी रक्षा करें, भगवान!!!" जैनी रोती है।

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