22 November, 2009



मज़ा ही मज़ा


एक लडका साइकिल पर तेज़ी से आ रहा था। एक नानी से उसकी टक्कर हो गयी। दोनों गिर पडे। नानी : (उठकर) "बेटा लो, यह एक रुपया।" लडका :" क्यों, किस बात के लिए?" नानी : "अंधों को भीख देना बडे पुण्य का काम है।"




एक व्यक्ति ने अपने दूधवाले से झल्लाकर कहा : "तुममें और गाय में केवल यह अंतर है कि वह शुद्ध दूध देती है और तुम पानी मिलाकर । " दूधवाले ने उत्तर दिया : "नहीं जनाब, एक अंतर और भी है - मैं उधार देता हूँ, गाय उधार नहीं देती।"




टीचर ने मोनू से कहा : "मोनू, इस बार तुम्हें 80% अंक लाने हैं ।" मोनू बोला : "टीचर, इस बार मैं 80% नहीं, 100% अंक लाऊँगा ।" टीचर बडी हैरान हु : "तुम क्यों मज़ाक कर रहे हो?" मोनू : "पहले मज़ाक शुरू किसने किया था?"







एक
देहाती रेलगाडी में सफर कर रहा था ।
टिकट चैकर आया, उसने देहाती से टिकट माँगा। इस पर वह बोला - "ई टिकिटवा का होता है?" टिकट चैकर ने उसे टिकट दिखाते हुए कहा - "यह होता है टिकट। यह पैसे देक खरीदा जाता है।" इस पर देहाती बोला - "काहे को खरीदा जाता है, का हमरे पास दूसरा सामान नहीं है जो हम ये इतना-सा टिकिटवा खरीदेंगे ?" टिकट चैकर ने अगले स्टेशन पर ही उसे गाडी से नीचे उतार दिया। अब वह देहाती उसी रेल-पटरी पर पैदल चलने लगा जिस पर गाडी चल रही थी। इंजन ड्राईवर परेशान। वह लगातार सीटियों पर सीटियाँ मारे जा रहा था। थोडा आगे बढने पर देहाती बोला - "अब चाहे जितनी सीटी मार-मारकर हमका बुलाओ, हम तेरी गाडी में नहीं आएँगे॥"

स्कूल के परीक्षा में बैठे एक छात्र ने दूसरे से कहा : "इस दुनिया में ऐसे लो भी बहुत है, जो बेवकूफों की भी नकल करने लगते हैं ।" "क्यों, क्या कोई तुम्हारी नकल कर रहा था ? " - दूसरे छात्र ने पूछा ।


कुछ चींटियाँ एक तालाब में नहा रही थीं। अचानक एक हाथी तालाब में आ कूदा। लहर में सारी चींटियाँ किनारे पर जा गिरे। सिर्फ एक चींटी हाथी के ऊपर चढ गया। किनारे पर खडे चींटियों ने एक ही आवाज़ में क्या चिल्लाया? उत्तर: "अरे साथी, कुचल-दबाके मार डाल उसे !!!"


दादा ने पूछा : "बेटा तुम रात में कितने बजे तक पढे थे?" बेटा : "दादाजी, मैं दो बजे रात तक पढता रहा था।" दादा : "लेकिन बेटा, बिजली तो रात 10 बजे से 2 बजे तक बंद थी?" बेटा : "दादाजी, आपने ही तो कहा था कि एकाग्रचित्त होकर पढना चाहिए, इसी से पता नहीं चला कि कब बिजली चली गई?"

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