28 February, 2010

आज फरवरी माह का अंतिम दिन। सोच लिया फिर से ब्लॉग की दुनिया की सैर करूँ, एक कहानी के साथ। दसवीं कक्षा की मोडल परीक्षा में पूछा गया एक सवाल।
कुत्ता कैसे मानव के साथ रहने लगा ?
हज़ारों साल पहले की बात है। आज के समान शहर या गाँव नहीं थे। आदमी भी जंगल में ही रहते थे। वह जानवरों का शिकार करता था। कुत्ते भी जंगल में रहते थे। कुत्ता तो विशेष स्वभाव का है न? वह भी मिलकर रहना पसंद करता है। सब से पहले उसने एक भेडिये को देखा। उसने सोचा : " भेडिया तो मुझसे ताकतवर है। इस से दोस्ती करने से अन्य जानवरों से बच सकता हूँ। " उसने भेडिये के साथ दोस्ती कर ली। दिन बीत गये। एक दिन कुत्ता और भेडिया एक साथ खेल रहे थे। तब एक शेर वहाँ आया। शेर को देखते ही भेडिया डरकर गायब हो गया। कुत्ता सोचने लगा :" यह शेर तो भेडिये से भी ताकतवर है। क्यों न मैं इस से दोस्ती कर लूँ? " वह तुरंत शेर से दोस्ती कर लिया। फिर दिन बीत गये। एक दिन कुत्ता और शेर आराम कर रहे थे। तब कुछ शिकारी वहाँ आये। शिकारी को देखते ही शेर नौ दो ग्यारह हो गया। कुत्ते के मन में अब यह चिंता पड गयी कि अगर शेर मानव को देखकर भाग जाता है तो ज़रूर मानव ही सब से ताकतवर होंगे। मानव से दोस्ती करना ही उचित है। यह सोचकर वह मानव का विश्वासपात्र बन गया। आज तक मानव से ताकतवर किसी को भी कुत्ते ने नहीं देखा है। इसलिए वह अब भी मानव का कुत्ता बनकर रह रहा है।