दोनों आगे बढे। चलते चलते दोनों एक नखलिस्तान पर पहूँच गये। दोनों ने नहाने का निश्चय किया। दोनों पानी में कूद पडे। जो थप्पड खाया, वह तैर न सकता था। वह कीचड में अटक गया। वह बाहर न आ सका। वह डूबने लगा। पहले दोस्त ने उसे बचा लिया। डूब मरने से बच जाने पर दूसरे दोस्त ने सामने वाली चट्टान पर ऐसा लिखा - "आज मेरे प्यारे दोस्त ने मेरी जान बचायी।"
अब पहले दोस्त ने पूछा - "जब मैं ने तुझे मारा था, तो तुम ने रेत पर लिखा। और अब जब मैं ने तेरी जान बचायी तो तुम ने चट्टान पर लिखा। ऐसा क्यों?"
दूसरा दोस्त बोला - "जब कोई हमें हानि पहूँचाता है तो उसे रेत पर ही लिखें, क्योंकि क्षमा रूपी सुहानी हवा उसे मिटा सकती है। जब कोई हमारे लिए अच्छा काम करें तो उसे चट्टान पर खोदकर लिखना चाहिए, क्योंकि आँधी भी उसकी याद को मिटा न सकें।"
खुशी ढूँढने से नहीं आती, उसे बनाने से ही आती है।
8 comments:
nice
true frndship
<3
sweet.
awsum..<3
a very sweet story every1 should read this nice one!
nycc..
fantastic story about friendship!!! everyone must read this and follow this..
sperb esi khane ap post karte rahiga
echke.blogspot.com
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