मलयालम के प्रसिद्ध साहित्यकार कोविलन 'मातृभूमी' पुरस्कार के लिए चुने गये ।
कण्डाणिशेरिल वट्टोंपरम्बिल वेलप्पन अय्यप्पन, कोविलन नाम से जाने जाते हैं। उनके उपन्यास 'तोट्टन्गल' के लिए केंद्र साहित्य अकादमी पुरस्कार (1972), कहानी संकलन 'शकुनम' के लिए केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार (1977), उपन्यास 'तट्टकम' के लिए दुबारा केंद्र साहित्य अकादमी पुरस्कार (1988) और वयलार पुरस्कार, बषीर पुरस्कार आदि कई पुरस्कारों से वे सम्मनित हैं ।
कोविलन जी भारतीय नौ सेना के लिए 1943 से 1946 तक काम किया था। वे भारत के जन साधारण के मन की बातें, जाति, संस्कार, धर्म और भाषा की आवाज़ अपने उपन्यासों और कहानियों में उजागर किया हैं।
उपन्यास
तट्टकम (अगस्त 1995)
जन्मार्थन्गल (अगस्त 1982)
भरतन (सितम्बर 1976)
हिमालयम (जनुवरी 1972)
तोट्टन्गल (दिसंबर 1970)
ताष्वरकल (मार्च 1969)
ए मैनस बी (फ़रवरी 1958)
तकर्न्ना हृदयन्गल (1946)
कहानियाँ
कोविलन्टे कतकल (जून 1985)
आद्यत्ते कतकल (जून 1978)
आत्मभावन्गल (अगस्त 1995)
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