आज एक नई शुरुआत करें? हमारे विचार क्या-क्या हैं? ज़रा देखें।
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संत कबीरदास जी की राय में -
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय
जो दिल खोजा आपना, मुझसा बुरा न कोय ॥
संत कबीरदास जी की राय में -
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय
जो दिल खोजा आपना, मुझसा बुरा न कोय ॥
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